चले आओ मेरी बाहों में,
समा जाओ इन भुजाओं में,
शर्मा के हो जाओ उतनी सी,
है जगह इनमे जितनी सी,
मान लो..
आज दुनिया है बस इतनी सी...!
खो जाओ मेरी आँखों में,
बस जाओ पलकों की छाँव में,
डूब के हो जाओ उतनी सी,
है गहरायी उनमे जितनी सी,
मान लो..
आज दुनिया है बस इतनी सी...!
रम जाओ मेरी यादों में,
घुल जाओ उन लम्हातों में,
रूठ के हो जाओ उतनी से,
है तन्हाई उनमे जितनी सी ,
मान लो..
आज दुनिया है बस इतनी सी...!
मान लो..
मान लो..
आज दुनिया है बस इतनी सी...!!!
समा जाओ इन भुजाओं में,
शर्मा के हो जाओ उतनी सी,
है जगह इनमे जितनी सी,
मान लो..
आज दुनिया है बस इतनी सी...!
खो जाओ मेरी आँखों में,
बस जाओ पलकों की छाँव में,
डूब के हो जाओ उतनी सी,
है गहरायी उनमे जितनी सी,
मान लो..
आज दुनिया है बस इतनी सी...!
रम जाओ मेरी यादों में,
घुल जाओ उन लम्हातों में,
रूठ के हो जाओ उतनी से,
है तन्हाई उनमे जितनी सी ,
मान लो..
आज दुनिया है बस इतनी सी...!
मान लो..
मान लो..
आज दुनिया है बस इतनी सी...!!!
10 comments:
qya baat hai bahut badhiyaaaaaaaaaaaaaaa
shukriya karanji........
well said
Thanks Sandeepji...!!
शर्मा के हो जाओ उतनी सी,
है जगह इनमे जितनी सी,
bahut khubsurat bhav aapki is sunder rachna me
badhai sweekar karein
Shukriya...amrendra "amar"ji....!!
ख़ूबसूरत शब्दों से सुसज्जित उम्दा रचना के लिए बधाई!
क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !
मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
Urmiji: Dhanyawad:)
Aapko navvarsha ki shubhkamnaayen.
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को |
shukriya sanjay ji, ummeed puri karne ki koshish rahegi, dhanyawad!
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