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"कर्मयोगी"

Monday, June 29, 2009

दिल में है उम्मीदें....!!













आधी
है मुस्कान...
आधी है
ख़ुशी,
दिल में है उम्मीदें..

पूरी करनी हैं फरमाइशें!


अधूरे हैं सपने...

अधूरे हैं ख्वाब,

दिल में है उम्मीदें..

पूरी करनी हैं ख्वाहिशें!


अतुल है ये क्रोध..
अतुल है ये द्वेष,

दिल में है उम्मीदें..
पूरी करनी हैं रंजिशें!


अदभुत है ये जीवन...
अदभुत है ये सफ़र,

दिल में है उम्मीदें..
पूरी करनी हैं गुजारिशें!


असंभव है ये चाहत,

असंभव है ये प्रीत,

पर दिल में है उम्मीदें..

और पूरी करनी हैं मोहब्बतें!!

10 comments:

satish kundan said...

आपकी रचना में एक प्रतिबद्धता झलकती है....कुछ कर गुजरने की!!!!!!!!!!!
और ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है............

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

bahut hee khubshurat.narayan narayan

दिगम्बर नासवा said...

kuch bhi adhoora nahi छोड़ना चाहिए दिल में............ बस ये hi janam है poorn karen ............. sundar rachnaa है aapki

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

nice blog & nice kavita

plese visit my blog
http://photographyimage.blogspot.com/

राजेंद्र माहेश्वरी said...

हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |

Unknown said...

bahut khuuuuuuuub........!!!!!

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

SAHITYIKA said...

nice poem.. :)

अमिताभ भूषण"अनहद" said...

जगदम्बा आप की आप की ख्वाहिशो को पूर्णता दे ,शब्दों की लड़ी बहुत ही प्यारी है ,उम्दा सोच उम्दा लेखन

संगम Karmyogi said...

आप सभी का शुक्रिया, प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद!!!